5 Bollywood villains, एक्टिंग में कमाया नाम, दशकों किया पर्दे पर राज, बेटे जी रहे गुमनाम जिंदगी
बॉलीवुड फिल्मों में हीरो का रोल निभाने वाले अभिनेता हमेशा सुखियों में रहते हैं, लेकिन कभी आपने खलनायकों के बारे में सोचा है. खलनायक का नाम ही आते ही दर्शकों के जेहन में एक ऐसा किरदार आता है, जिससे सब नफरत करें। हमारी हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में ऐसे कई प्रतिभावान कलाकार हैं, जिन्होंने बेजोड़ अभिनय के दम पर अपने खलनायक के किरदार में जान डाल दी। लेकिन इनके बेटे एक्टिंग के मामले में गोल निकले. बॉलीवुड में एंट्री तो ली, लेकिन पर्दे पर लोगों का न दिल जीत सके और न हीं अपनी एक्टिंग का खौफ पैदा करने में कामयाब हो सके। इनके बेटे स्क्रीम पर सुपर फ्लॉप साबित हुए।
Ajit khan
अजीत खान बॉलीवुड का एक ऐसा खलनायक, जो हिंदी सिनेमा पर राज किया करता था. वो नाम है ajit khan, जिनके डायलॉग आज भी लोग आज भी बोला करते हैं. ‘यादों की बारात’, ‘जुगनू’, ‘प्रतिज्ञा’, ‘चरस’, ‘आजाद’, ‘राम बलराम’, ‘रजिया सुल्तान’ और ‘राजतिलक’ जैसी फिल्में देने वाले अजीत का बेटे शहजाद भी पिता की तरह फिल्मों में काम करना चाहते थे. पिता की वजह से उन्हें बॉलीवुड में एंट्री मिली और उसके बाद फिल्मों में काम भी काम मिला।’अंदाज अपना अपना’ से लेकर ‘घरवाली बाहरवाली’ तक कई फिल्मों में काम किया लेकिन वह अपनी कोई पहचान नहीं बना सके और गुमनाम हो गए।
Amzad Khan
अमजद खान बॉलीवुड के वो खलनायक रहे, जिन्होंने फिल्म ‘शोले’ से लोगों को डरा दिया. ‘गब्बर सिंह’ का किरदार निभाने वाले अमजद घर-घर में इसी नाम से जाने-जाने लगे थे. इसके साथ ही उन्होंने ‘हिम्मतवाला’, ‘सुहाग’ और ‘मिस्टर नटवरलाल’ उनकी सुपरहिट फिल्में रहीं, जिनमें उन्होंने खलनायक का किरदार निभाया था. लेकिन एक्टिंग में उनके बेटे ने नाम डूबो दिया। उनका बेटा शादाब अपने पिता की तरह फिल्मों में काम करना चाहते थे. पिता के नाम की वजह से उन्हें पहली फिल्म मिली नाम था, ‘राजा की आएगी बारात’। लेकिन किसी को उनकी एक्टिंग पसंद नहीं आई और वह फ्लॉप एक्टर की लिस्ट में शुमार हो गए।
Shakti Kapoor
शक्ति कपूर किसी परिचय के मोहताज नहीं है. वे ऐसे अभिनेता हैं, जो खलनायक, नायक और कॉमेडियन सभी किरदार में फिट बैठते है. खलनायक के रूप में लोगों ने उन्हें पसंद किया. उन्हें विलेन के तौर पर ‘गुंडा’, ‘आंखें’, ‘चालबाज’ और ‘मैं खिलाड़ी तू अनाड़ी’ सुपरहिट फिल्में हैं। लेकिन इनका बेटा तो एक्टिंग के मामले में फुस्स साबित हुआ। शक्ति के बेटे सिंद्धात कपूर ने ली स्ट्रासबर्ग थिएटर एंड फिल्म इंस्टीट्यूट से फिल्म मेकिंग और एक्टिंग की पढ़ाई की है।
शक्ति कपूर जैसी शख्सियत का बेटा होने के बावजूद सिद्धांत का एक्टिंग करियर कभी रफ्तार नहीं पकड़ सका. अपने 9 साल के करियर में उन्होंने अब तक केवल 10 फिल्में ही की हैं. इनमें भी उन्होंने किसी में भी लीड रोल नहीं निभाया है। सहायक किरदार से शुरुआत करने वाले सिद्धांत अब सपोर्टिंग एक्टर ही बनकर रह गए हैं।बड़े पर्दे पर वह आखिरी बार फिल्म ‘चेहरे’ में नजर आए थे। अब तक ये अपनी पहचान बनाने में कामयाब नहीं हो सके।
Danny Denzongpa
हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के सबसे स्टाइलिश विलेन, जिन्होंने लगभग 150 फिल्मों में काम किया. डैनी डेन्जोंगपा ने खलनायक के तौर पहली फिल्म ‘धुंध’ थी, जिसमें उनके किरदार को दर्शकों ने बहुत सराहा. ‘मेरे अपने’, ‘धुंध’, ‘चोर मचाए शोर’, ‘खोटे सिक्के’, ‘काला सोना’, ‘लैला मजनू’, ‘कालीचरण’ ‘संग्राम’ और ‘बुलंदी’ जैसी फिल्मों में डैनी को खलनायक की भूमिका दी गई और उन्हें खलनायकों का बेताज बादशाह बना दिया. डैनी का बेटा रिनजिंग डेंजोंगपा भी एक्टिंग में अपना सिक्का जमा न सके। पिता के नाम पर इन्हें जी5 की फिल्म ‘स्कवॉड’ नाम की फिल्म तो मिली लेकिन फिल्म तो चली नहीं और डैनी का बेटा भी फ्लॉप हो गया।
Kahir Bedi
इस लिस्ट में कबीर बेदी के बेटे का नाम भी शामिल है। ‘खून भरी मांग’ से लेकर न जाने कितनी फिल्मों में नकारात्मक किरदार निभा कर उन्होंने लोगों के बीच अलग पहचान बना ली थी, लेकिन इनके बेटे एडम बेदी भी पापा का नाम रोशन नहीं कर सके। पिता के नाम पर एडम को हिंदी सिनेमा में जगह तो मिल गई।उन्होंने ‘चरस’, ‘जैकपोट’ जैसी 9 फिल्मों में काम भी किया, लेकिन इसके बाद भी एडम अपनी पहचान नहीं बना सके।