Civil nuclear energy sector: सहयोग के लिए नए सिरे से प्रयास कर रहे भारत-अमेरिका, 14 साल पहले हुआ था समझौता -
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Civil nuclear energy sector: सहयोग के लिए नए सिरे से प्रयास कर रहे भारत-अमेरिका, 14 साल पहले हुआ था समझौता

जेफ्री आर पायट ने 16 और 17 फरवरी को दिल्ली में भारतीय वार्ताकारों के साथ बातचीत की थी

जेफ्री आर पायट ने 16 और 17 फरवरी को दिल्ली में भारतीय वार्ताकारों के साथ बातचीत की थी। इस दौरान उन्होंने 2008 के भारत-अमेरिका परमाणु समझौते के ढांचे के तहत द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ाने के तरीकों पर प्रमुखता से चर्चा की थी। यूक्रेन युद्ध ने उर्जा सुरक्षा को लेकर वैश्विक चिंताओं को बढ़ाया है। इस बीच, भारत और अमेरिका असैन्य परमाणु उर्जा क्षेत्र (Civil nuclear energy sector) में व्यावहारिक सहयोग की संभावनाओं पर नए सिरे से विचार कर रहे हैं। इस क्षेत्र में साझेदारी के लिए दोनों देशों के बीच 14 साल पहले एक ऐतिहासिक समझौता हुआ था, लेकिन इसके बाद से यह आगे बढ़ने में विफल रहा है।

उर्जा संसाधनों के लिए अमेरिकी सहायक विदेश मंत्री जेफ्री आर पायट ने 16 और 17 फरवरी को दिल्ली में भारतीय वार्ताकारों के साथ बातचीत की थी। इस दौरान उन्होंने स्वच्छ ऊर्जा (क्लीन एनर्जी) क्षेत्र सहित 2008 के भारत-अमेरिका परमाणु समझौते के ढांचे के तहत द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ाने के तरीकों पर प्रमुखता से चर्चा की थी।

पायट ने पीटीआई को दिए एक इंटरव्यू में यूक्रेन पर रूस के हमले को ‘क्रूर’ बताया

पायट ने पीटीआई को दिए एक इंटरव्यू में यूक्रेन पर रूस के हमले को ‘क्रूर’ बताया। हमले के कारण जीवाश्म ईंधन (फॉसिल फ्यूल) की आपूर्ति में गंभीर व्यवधानों के बीच उन्होंने वैश्विक उर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भारत को अमेरिका के लिए एक बहुत महत्वपूर्ण भागीदार बताया। पायट ने कहा कि अमेरिका 2030 तक गैर-जीवाश्म ईंधन स्रोतों से 500 गीगावाट ऊर्जा प्राप्त करने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के महत्वाकांक्षी ऊर्जा संक्रमण लक्ष्य (एनर्जी ट्रांजिशन गोल्स) का समर्थन करता है।

उन्होंने कहा, हम इस पर फोकस कर रहे हैं कि भविष्य के असैन्य परमाणु सहयोग के लिए हम अवसर कैसे विकसित कर सकते हैं। यदि हम मुद्दों पर अटके हुए हैं तो हमें लायबिलिटी के सवालों के जरिए उन पर काम करना होगा। उन्होंने बिना ज्यादा जानकारी दिए उन्होंने कहा, नागरिक परमाणु उद्योग (सिविल न्यूक्लियर इंडस्ट्री) का बिजनेस मॉडल बदल रहा है। अमेरिका में हमनें छोटे और हाशिए के रिएक्टरों के लिए एक बड़ा कमिटमेंट किया है, जो खासतौर पर भारतीय माहौल के लिए उपयुक्त हो सकते हैं।

पायट ने नई दिल्ली में अमेरिकी दूतावास में 2002 से 2006 तक राजनीतिक परामर्शदाता (पॉलिटीकल एडवायजर) और 2006 से 2007 तक मिशन के उप प्रमुख के रूप में कार्य किया। इस अवधि में दोनों पक्षों के बीच नागरिक परमाणु समझौते (सिविल न्यूक्लियर डील) पर गहरी बातचीत हुई थी। दोनों पक्षों में दायित्व नियमों पर मतभेद के कारण पिछले 14 वर्षों में असैन्य परमाणु उर्जा क्षेत्र (Civil nuclear energy sector) में वास्तविक सहयोग नहीं हो पाया।

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