Diabetes Risk: नेल पॉलिश, शैम्पू में मौजूद केमिकल्स बढ़ा सकते हैं डायबिटीज़ का ख़तरा, स्टडी में खुलासा -
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Diabetes Risk: नेल पॉलिश, शैम्पू में मौजूद केमिकल्स बढ़ा सकते हैं डायबिटीज़ का ख़तरा, स्टडी में खुलासा

जानिए क्या कहती है नई स्टडी

अगर आप नेल पैंट, शैम्पू और पर्फ्यूम जैसे प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल रोज़ाना करती हैं, तो आपको इसमें मौजूद कैमिकल्स की लिस्ट एक बार ज़रूर चेक करनी चाहिए। एक नई स्टडी से पता चलता है कि इस तरह के प्रोडक्ट्स में टॉक्सिक यानी ज़हरीले केमिकल्स का उपयोग भी होता है, जिसमें हेयर स्प्रे और आफ्टरशेव भी शामिल हैं। यह प्रोडक्ट्स हमारी स्किन के अंदर चले जाते हैं और लिवर, किडनी, फेफड़ों और अन्य अंगों को नुकसान पहुंचाते हैं।

एंडोक्राइन सोसाइटी की जर्नल ऑफ क्लिनिकल एंडोक्रिनोलॉजी एंड मेटाबॉलिज्म में छपी एक स्टडी में पाया गया कि यह एंडोक्राइन को नुकसान पहुंचाने वाले केमिकल्स (EDC), महिलाओं में डायबिटीज़ के बढ़े हुए ख़तरे से जुड़े हुए हैं।

Phthalates ऐसे केमिकल्स हैं, जिनका उपयोग प्लास्टिक में काफी होता है। जैसे कि पर्सनल केयर प्रोडक्ट्स, बच्चों के खिलौने और खाने की पैकेजिंग। Phthalate एक्सपोज़र कम प्रजनन क्षमता, मधुमेह और अन्य अंतःस्रावी विकारों से जुड़ा हुआ है।

मिशिगन की यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ की सुंग क्यून पार्क, ने बताया कि “हमारी रिसर्च में पता चला कि phthalates की वजह से महिलाओं में डायबिटीज़ का ख़तरा बढ़ जाता है, खासतौर पर वाइट महिलाओं में, जो 6 साल से ज़्यादा समय तक इन प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करती हैं।” लोग रोज़मर्रा की ज़िंदगी में phthalates के संपर्क में आते हैं, जिससे कई चयापचय संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। यह महत्वपूर्ण है कि हम EDC को अभी संबोधित करें क्योंकि वे मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं।”

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रिसर्च में छह साल तक 1,308 महिलाओं को स्टडी किया गया, यह देखने के लिए कि इन लोगों में phthalates डायबिटीज़ का कारण बन रहे हैं, कि नहीं। 6 सालों में करीब 5 फीसदी महिलाएं डायबिटीज़ का शिकार हो गईं। स्टडी में यह भी देखा गया कि इस हानिकारक केमिकल्स का असर वाइट महिलाओं में हुआ जबकि इसका संबंध ब्लैक या एशियाई महिलाओं में नहीं देखा गया।

पार्क ने आखिर में कहा कि हमारी रिसर्च सही दिशा में है, इससे phthalates को समझने में मदद मिलेगी और मेटाबॉलुक बीमारियों में इसकी हिस्सेदारी के बारे में भी पता चेलगा। हालांकि, पार्क ने माना कि इस विषय में अभी और रिसर्च होनी चाहिए।

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