India US Vs Russia: रूस नहीं, अमेरिका और क्‍वॉड देश हैं भारत के सच्‍चे दोस्‍त, विशेषज्ञ ने चौंकाने वाले आंकड़ों से बताया 'सच' -
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India US Vs Russia: रूस नहीं, अमेरिका और क्‍वॉड देश हैं भारत के सच्‍चे दोस्‍त, विशेषज्ञ ने चौंकाने वाले आंकड़ों से बताया ‘सच’

रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध शुरू हुए 1 साल हो गए हैं और यह लगातार भड़कता ही जा रहा है। चीन जहां खुलकर अब रूस के साथ आता दिख रहा है, वहीं भारत के रुख को लेकर पश्चिमी देशों की धड़कनें बढ़ी हुई हैं। भारत अमेरिका का घनिष्‍ठ सहयोगी देश है और क्‍वाड में सदस्‍य देश है। रूस के साथ चीन का आना भारत के लिए भी खतरनाक है। इस बीच संयुक्‍त राष्‍ट्र में एक बार फिर से भारत यूक्रेन के मामले को लेकर तटस्‍थ रहा है। भारत के अलावा चीन और पाकिस्‍तान भी यूक्रेन के प्रस्‍ताव पर तटस्‍थ रहे हैं। कई विश्‍लेषक अब बदली हुई परिस्थितियों में भारत को अमेरिका के पाले में जाने सलाह दे रहे हैं। भारतीय विशेषज्ञ तन्‍वी मदान ने तो कई महत्‍वपूर्ण आंकड़े देकर यह साबित करने की कोशिश की है कि भारत को रूस नहीं अमेरिका के साथ जाने में ही फायदा है।

अमेरिका के ब्रुकिंग इंस्‍टीट्यूट में सीनियर फेलो तन्‍वी मदान ट्वीट करके कहती हैं, ‘अप्रैल से दिसंबर 2022 के बीच भारत और अमेरिका के बीच 100 अरब डॉलर का व्‍यापार हुआ। इसमें भारत 21 अरब डॉलर के फायदे में रहा। यूरोपीय संघ के साथ 97 अरब डॉलर का व्‍यापार और भारत का फायदा 11 अरब डॉलर रहा। वहीं चीन के साथ भारत का व्‍यापार 87 अरब डॉलर रहा और 65 अरब डॉलर का घाटा रहा। इसी तरह से रूस के साथ भी भारत का व्‍यापार 35 अरब डॉलर रहा। दोनों के बीच व्‍यापार में भारत को 31 अरब डॉलर का घाटा रहा।

क्‍वॉड देशों से भारत में सबसे ज्‍यादा आया एफडीआई

मदान ने बताया कि भारत और क्‍वॉड के तीन देशों ऑस्‍ट्रेलिया, जापान और अमेरिका के साथ 136 अरब डॉलर का व्‍यापार हुआ जिसमें हिंदुस्‍तान को 3 अरब डॉलर का फायदा हुआ। उन्‍होंने यह भी बताया कि अप्रैल 2000 से लेकर दिसंबर 2022 तक के बीच में प्रत्‍यक्ष विदेशी निवेश को देखें तो यूरोपीय संघ से 101 अरब डॉलर, अमेरिका से 59 अरब डॉलर, चीन से 2 अरब डॉलर और रूस से मात्र 1 अरब डॉलर का एफडीआई आया है। इसी तरह से क्‍वॉड पार्टनर देशों ऑस्‍ट्रेलिया, अमेरिका और जापान से 99 अरब डॉलर एफडीआई के रूप में आए हैं।

तन्‍वी बताती हैं कि भारत ने साल 2012 से 16 के मुकाबले साल 2017 से 22 में रूस से पहले 69 प्रतिशत के विपरीत 46 फीसदी हथियार खरीदे। यूरोपीय देशों से हथियारों की खरीद में तेजी आई है जो अब 3 प्रतिशत के मुकाबले 29 फीसदी तक पहुंच गई है। अमेरिका से हथियार खरीदने में पहले के 13 प्रतिशत के मुकाबले गिरकर 12 फीसदी हो गया है। उन्‍होंने बताया कि अमेरिका में साल 2021 में जो विदेशी पर्यटक आए, उनमें सबसे ज्‍यादा 4 लाख 30 हजार अमेरिका से रहे। यह करीब 28 फीसदी था। इसके बाद यूरोपीय संघ के देशों से 1 लाख 66 हजार, रूस से 18 हजार और चीन से मात्र 3 हजार पर्यटक ही आए।

भारत में सबसे ज्‍यादा विदेशी पर्यटक अमेरिका से आए

तन्‍वी मदान कहती हैं कि साल 2019 में अमेरिका से 15 लाख पर्यटक, यूरोपीय संघ से 11 लाख, चीन से 3 लाख 39 हजार और रूस से 2 लाख 51 पर्यटक भारत आए थे। इसी तरह से भारतीयों के विदेश जाने में भी अमेरिका दबदबा रहा। साल 2021 में 6 लाख 96 हजार भारतीय अमेरिका की यात्रा पर गए। इसके बाद 3 लाख 91 हजार यूरोपीय संघ, रूस 46 हजार और चीन 2 हजार थे। इसी तरह से साल 2019 में 19 लाख भारतीय अमेरिका गए थे। यूरोपीय संघ 12 लाख, चीन 3 लाख 59 हजार और रूस 1 लाख भारतीय गए थे।

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