Ruchira Kamboj

जरूरी मुद्दों पर अपनी आवाज हमेशा उठाएगा भारत’, Ruchira Kamboj ने कहा- UN में सुधारों के लिए प्रतिबद्ध

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत के दो साल का कार्यकाल 31 दिसंबर को समाप्त हो रहा है

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत के दो साल का कार्यकाल 31 दिसंबर को समाप्त हो रहा है।संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज (Ruchira Kamboj) ने कहा कार्यकाल खत्म होने के बाद भी यूएन में काम जारी रहेगा।भारत के पास कई जरूरी मुद्दे हैं इसलिए भारत अपनी आवाज उठाना हमेशा जारी रखेगा। उन्होंने कहा कि हम बहुपक्षवाद और संयुक्त राष्ट्र में सुधारों के लिए प्रतिबद्ध हैं।

भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के दिसंबर प्रेसीडेंसी के अपने कार्यकाल को सफलतापूर्वक पूरा किया है. उन्होंने कहा कि एक प्रमुख सैन्य-योगदान देने वाले देश के रूप में हम शांति स्थापना से संबंधित मुद्दों में भी सक्रिय रूप से शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि भारत ने कानून के शासन, निष्पक्ष और न्यायसंगत अंतरराष्ट्रीय प्रणाली सहित बुनियादी सिद्धांतों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को मजबूत किया है।

शांति स्थापना से जुड़े मुद्दों में होंगे शामिल

रुचिरा कंबोज (Ruchira Kamboj) ने कहा कि एक प्रमुख सैन्य-योगदान देने वाले देश के रूप में, हम शांति स्थापना से संबंधित मुद्दों में भी सक्रिय रूप से शामिल होंगे।भारत के विदेश मंत्री ने संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों के खिलाफ अपराधों के लिए जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए ग्रुप लॉन्च किया था. इस दौरान कंबोज (Ruchira Kamboj) ने यूएनएससी की भारत की सफल दिसंबर अध्यक्षता को याद किया ।

भारत को बनाया गया ग्रुप ऑफ फ्रेंड्स का सह-अध्यक्ष

1 दिसंबर को भारत ने 2021-2022 में परिषद के निर्वाचित सदस्य के रूप में अपने दो साल के कार्यकाल के दौरान दूसरी बार संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की अध्यक्षता संभाली थी।उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत हमेशा आवाज उठाएगा।भारत को ग्रुप ऑफ फ्रेंड्स ऑफ लैंडलॉक्ड डेवलपिंग कंट्रीज का सह-अध्यक्ष नियुक्त किया गया है और समीक्षा के रोडमैप को चलाने में मदद करेगा।

उन्होंने कहा पिछले दो सालों में हमने शांति, सुरक्षा और समृद्धि के समर्थन में बात की।हमने मानवता के दुश्मन आतंकवाद के खिलाफ आवाज उठाने में संकोच नहीं किया। जनवरी 2021 में हमारे कार्यकाल की शुरुआत में ही विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आतंकवाद के खतरे से विश्वसनीय तरीके से निपटने के लिए संयुक्त राष्ट्र प्रणाली की आठ सूत्रीय कार्य योजना प्रस्तुत की थी।

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