लालकृष्ण आडवाणी (Lk Advani) के 95वें जन्मदिन पर जानिए कुछ रोचक तथ्यों और जानकारी के बारे में
लाल कृष्ण आडवाणी (Lk Advani) एक जाना माना और ऐसा चर्चित चेहरा है जिनेहें बीजेपी (भारतीय जनता पार्टी ) की नींव भी रखी साथ ही पार्टी की ऊंचाईयों के मुकाम को ले जाने में सफल हुए। उनके साथ ही एक बड़ा योगदान अटल बिहारी बाजपेयी का भी रहा है आडवाणी ने 1941 में 14 वर्ष की आयु में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस)से जुड़कर अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की उन्होंने अपना पूरा जीवन RSS और पार्टी की स्थापना में लगा दिया। अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में आडवाणी 2002 से 2004 तक भारत के 7 वें उप प्रधानमंत्री रहे। 2015 में उन्हें भारत के दूसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया।
जानिए LK Advani के प्रारंभिक जीवन के बारे में
कराची के सिंधी परिवार में 8 नवम्बर 1927 को लालकृष्ण आडवाणी (Lk Advani) का जन्म हुआ था। उनके पिताजी श्री किशनचंद आडवाणी व्यापार का काम किया करते थे। उनकी माता का नाम श्रीमती ज्ञानी देवी था। भारत पाकिस्तान के बंटवारे के बाद परिवार ने भारत में आकर बसेरा किया। दिग्गज नेता को यात्रा करना, योगा करना, पढ़ना, और फिल्में देखना पसंद है।
जानिए आरंभिक शिक्षा के बारे में
Lk Advani ने अपनी स्कूली शिक्षा संत पेटरिक्स हाइ स्कूल, कराची से पूरी की। फिर उन्होने हैदराबाद के के. डी. जी. कॉलेज से अपनी आगे की पढ़ाई को पूरा किया। पाकिस्तान से भारत आने पर उन्होने बॉम्बे यूनिवरसिटी के गवर्नमेंट लॉं कॉलेज से अपनी वकालत की पढ़ाई पूरी की।
जानिए राजनीतिक करियर के बारे में
लालकृष्ण आडवाणी ने वर्ष 1998 से 2004 तक पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपयी की सरकार में गृह मंत्री के रूप काम किया। वहीं वर्ष 1999 में एनडीए की सरकार बनने के बाद अटल बिहारी वाजपेयी के नेत़ृत्व में वह केंद्रीय गृहमंत्री भी बने और साथ ही उन्हें इसी सरकार में 29 जून 2002 को उप प्रधानमंत्री पद का कार्यभार भी सौंपा गया था। वहीं वर्ष 1992 में बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद जिन लोगों के नाम एफआईआर दर्ज किया गया था उनमे से एक नाम लालकृष्ण आडवाणी का भी शामिल था।इसके बाद से राजनीति में उनकी लोकप्रियता बढती चली गई।
जानिेए इनकी उपलब्धियों के बारे में
लाल कृष्ण आडवाणी (Lk Advani) को भारतीय संसदीय समूह द्वारा वर्ष 1999 में उत्कृष्ट सांसद पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
माना जाता है राम जन्मभूमि अभियान का शिल्पकार
उन्हें राम जन्मभूमि अभियान का शिल्पकार माना जाता है। क्योंकि वर्ष 1990 में आडवाणी ने अयोध्या में राम मंदिर के मुद्दे पर अपनी पहली रथ यात्रा की शुरुआत की थी। इस रथ यात्रा में उनके साथ नरेंद्र मोदी भी शामिल थे। बाद में इसे राम रथ यात्रा का नाम दिया गया। हालांकि तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के आदेश पर उन्हें गिरफ्तार भी किया गया था। इस यात्रा के बाद आडवाणी का राजनीतिक सफर और बड़ा हो गया।
लालकृष्ण आडवाणी (Lk Advani) पर पुस्तकें
माई कंट्री माई लाइफ, (एल.के. आडवाणी) को ए.पी.जे. अब्दुल कलाम 19 मार्च 2008 को रिलीज़ किया था। सुरक्षा और विकास के नए दृष्टिकोण (Lk Advani) एक कैदी का कबाड़ (लाल कृष्ण आडवाणी) नामक पुस्तकें इनके द्वारा लिखी जा चुकी है।
एक समय था जब आडवाणी जी भारत के राजनीतिक क्षेत्र में एक प्रमुख व्यक्ति के रूप में कार्यरत थे। लालकृष्ण आडवाणी अपने शासन काल में सराहनीय कार्यों के लिए जाने गए जिसके कारण उन्होंने बहुत सा सम्मान भी अर्जित किया। वर्ष 2013 में लालकृष्ण आडवाणी ने लगभग सभी को आश्चर्यचकित करते हुए अपने सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था। आज 8 नवंबर 2022 को लालकृष्ण आडवाणी जी आज अपना 95 वां जन्मदिन मनाया रहे हैं। अब उन्होंने पार्टी के सभी राजनीतिक मामलों से खुद को अलग कर लिया है।