NIA ने स्पेशल कोर्ट में किया खुलासा, ISIS-अलकायदा के संपर्क में केरल PFI के नेता -
NIA reveals in special court

NIA ने स्पेशल कोर्ट में किया खुलासा, ISIS-अलकायदा के संपर्क में केरल PFI के नेता

कुछ महीने पहले पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) सहित उसके सहयोगी संगठनों को गृह मंत्रालय ने पांच सालों के लिए बैन कर दिया था। इसके बाद देश भर के कई हिस्सों में एजेंसियों ने इनके ठिकानों पर छापेमारी की थी. ग्रुप के कई मेंबर्स का लिंक आतंकी संगठनों से भी मिला था। अब एनआईए ने कहा कि पीएफआई की देशद्रोही गतिविधियों के संबंध में अहम जानकारी डिजिटल साक्ष्य भी मिले हैं।

एनआईए जांच में PFI नेताओं द्वारा सोशल मीडिया समूहों के माध्यम से युवाओं को आतंकवादी गतिविधियों में शामिल करने जैसे कदमों का भी खुलासा हुआ है. राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने पीएफआई पर प्रतिबंध के बाद गिरफ्तार किए गए प्रतिबंधित संगठन के नेताओं के बारे में कोच्चि में विशेष एनआईए कोर्ट में जानकारी दी।

NIA ने स्पेशल कोर्ट में किया खुलासा

एनआईए ने बताया कि केरल में प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के नेता इस्लामिक स्टेट (आईएस) और अल-कायदा के कुछ नेताओं के संपर्क में थे. इस दौरान एनआईए ने अदालत से संगठन पर बैन लगाने के बाद गिरफ्तार किए गए पीएफआई नेताओं के खिलाफ जांच के लिए और समय भी मांगा. एनआईए ने विशेष अदालत में खुलासा किया है कि केरल पीएफआई नेताओं का कनेक्शन आईएस और अलकायदा से मिले हैं. इनके खिलाफ पुख्ता सबूत एजेंसी को मिले हैं।

जांच के लिए कोर्ट ने बढ़ाया समय

एनआईए ने बताया कि केरल में प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के नेता इस्लामिक स्टेट (आईएस) और अल-कायदा के कुछ नेताओं के संपर्क में थे. इस दौरान एनआईए ने अदालत से संगठन पर बैन लगाने के बाद गिरफ्तार किए गए पीएफआई नेताओं के खिलाफ जांच के लिए और समय भी मांगा. स्पेशल कोर्ट ने इस संबंध में NIA की दलीलों को सुनते हुए सबूतों को इकट्ठा करने और जांच के लिए अतिरिक्त समय दे दिया।

हिंसा की घटनाओं में मिला था पीएफआई लिंक

जानकारी के मुताबिक, एनआईए को जांच पूरी करने और चार्जशीट दाखिल करने के लिए 90 दिनों का और समय दिया गया है. देश में हुए कई हिंसा जैसी घटनाओं में पीएफआई का लिंक सामने आया था. इसके बाद से ही ये संगठन एजेंसियों के रडार में था. 22 सितंबर को देश भर में एक साथ छापेमारी के बाद पीएफआई के नेताओं और कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया और बाद में गिरफ्तारी हुई. इस संगठन के नेताओं पर गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत मामला दर्ज किया गया था।

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