PFI ने की 2047 तक भारत में इस्लामिक हुकूमत की साजिश, महाराष्ट्र ATS की चार्जशीट में चौंकाने वाले खुलासे -
PFI conspires for Islamic rule in India by 2047, shocking revelations in Maharashtra ATS charge sheet

PFI ने की 2047 तक भारत में इस्लामिक हुकूमत की साजिश, महाराष्ट्र ATS की चार्जशीट में चौंकाने वाले खुलासे

महाराष्ट्र एटीएस ने पिछले सितंबर में गिरफ्तार किए गए पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के पांच सदस्यों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी है। इस चार्जशीट में जो आरोप लगाए गए हैं वे हैरान कर देने वाले हैं। दावा किया गया है कि वे केंद्र सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने और 2047 तक शरिया कानून के साथ भारत की स्वतंत्रता की शताब्दी तक एक इस्लामिक राज्य स्थापित करने की साजिश रच रहे थे। चार्जशीट में एक पत्र के हवाले से कहा गया है कि पीएफआई और सिमी के सदस्य एक ही तरह की विचारधारा को साझा करते हैं।

चार्जशीट में यह भी कहा गया है कि पिछले साल अक्टूबर में जांच के दौरान, एटीएस को एक अज्ञात व्यक्ति से एक पत्र और एक सीडी डाक से भेजी गई थी। पत्र भेजने वाले का दावा था कि वह पीएफआई सदस्यों के साथ रहा था। पत्र में कहा गया है कि पीएफआई और प्रतिबंधित संगठन सिमी दोनों के सदस्यों की विचारधारा समान है।

‘जुमे की नमाज के बाद चंदा जुटाता था PFI’

संगठन ने कहा, ‘संगठन देश को तोड़ने और युवाओं को हिंदुओं के खिलाफ भड़काने का काम कर रहा है।’ चार्जशीट में कहा गया है कि पत्र में आगे दावा किया गया है कि एक मार्च के दौरान, पीएफआई के एक सदस्य ने पुलिस को मारने की बात कही थी। शख्स ने यह भी कहा कि जुमे की नमाज के बाद वहां आने वाले लोगों से पीएफआई को चंदा देने को कहा गया लेकिन कोई रसीद नहीं दी गई। पत्र के साथ लगी सीडी में छह ऑडियो क्लिप एटीएस के मिले जिनमें आरोपियों के बीच बातचीत भी शामिल है।

हिंदू लड़कों और मुस्लिम लड़कियों की शादी रोकने का प्लान’

चार्जशीट में पीएफआई के एक सदस्य को गवाह बनाया गया है। उसके बयान का भी हवाला दिया गया है। उसने अक्टूबर में एटीएस को बताया था कि लगभग 8-10 महीने पहले, एक चैट ग्रुप पर उसे हिंदू लड़कों और मुस्लिम लड़कियों की एक सूची मिली थी, जो कोर्ट मैरिज करने वाले थे। गवाह ने कहा कि ग्रुप में इस बात पर बातचीत चल रही थी कि लड़कियों के माता-पिता को इस तरह की शादियां नहीं होने देने के लिए कैसे राजी किया जाए।

‘सांप्रदायिक दरार के लिए सोशल मीडिया का सहारा’

एटीएस ने कहा, ‘इस सुनियोजित साजिश को अंजाम देने के लिए भड़काऊ भाषण, वीडियो क्लिप, पोस्टर, ऑडियो क्लिप और पोस्ट सोशल मीडिया के माध्यम से समुदाय में प्रसारित किए जा रहे हैं ताकि लोगों के मन में धार्मिक भावनाओं को भड़काया जा सके और दो धर्मों के बीच सांप्रदायिक दरार डाली जा सके।’

‘मोबाइल से मिला PFI का अजेंडा’

एटीएस ने एक आरोपी के फोन से बरामद गोपनीय दस्तावेज का भी हवाला दिया। एटीएस ने कहा कि ‘इंडिया 2047, टुवार्ड्स रूल ऑफ इस्लाम इन इंडिया’ शीर्षक वाले दस्तावेज ने दिखाया कि कैसे पीएफआई अपने एजेंडे को साकार करने के लिए काम कर रहा है। लक्ष्य तक पहुंचने के लिए जिन चार स्टेज का इसमें उल्लेख किया गया है। इस दस्तावेज में लिखा कि हम सदस्यों को अपने विभाग में भर्ती और प्रशिक्षित करना शुरू करेंगे। इसमें उन्हें हमला करने और रक्षात्मक तकनीकों का प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए।

‘तुर्की के साथ PFI ने बनाए अच्छे संबंध’

दस्तावेज में यह भी कहा गया है कि प्रशिक्षित कैडरों पर भरोसा करने के अलावा, संगठन को मित्र इस्लामिक देशों से भी मदद की आवश्यकता होगी। इसमें बताया गया कि पिछले कुछ वर्षों में, PFI ने तुर्की के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध बनाए हैं। कुछ अन्य इस्लामिक देशों में विश्वसनीय मित्रता विकसित करने का प्रयास किया जा रहा है।

सेना के 3 जवानों ने दी आतंकियों को ट्रेनिंग

चार्जशीट मजहर खान, सादिक शेख, मोहम्मद इकबाल इब्राहिम, मोइनुद्दीन मोमिन और मोहम्मद अधिकारी के खिलाफ दायर की गई है। इसमें 200 से अधिक गवाहों का भी हवाला दिया गया था। गवाहों में एक व्यक्ति था जिसने जांच एजेंसी को बताया कि उसने भिवंडी में पीएफआई की आयोजित की गई फिजिकल ट्रेनिंग में भी हिस्सा लिया था। गवाह का दावा है कि उन लोगों को भारतीय सेना के तीन जवानों ने प्रशिक्षण दिया था। चार्जशीट में पीएफआई प्रतिबंध का समर्थन करने वाली मौलाना शहाबुद्दीन रजवी को धमकी भी दी गई थी, इसका भी जिक्र चार्जशीट में है।

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