Rajnath Singh ने चीन के रक्षा मंत्री से नहीं मिलाया हाथ, दिल्ली में भारत ने साफ ठुकरा दिया ड्रैगन का नया प्रस्ताव
भारत और चीन के रिश्ते फिलहाल ठीक नहीं है। गुरुवार शाम को चीन के रक्षा मंत्री जब दिल्ली में राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) से मिलने आए तो उन्हें बातों ही नहीं, इशारों में भी सख्त संदेश मिला। जी हां, राजनाथ (Rajnath Singh) ने अपने चीनी समकक्ष ली शांगफू से हाथ ही नहीं मिलाया। भारत के रक्षा मंत्री का हाथ न मिलाना कोई साधारण घटना नहीं है क्योंकि जब भी राजनाथ सिंह अपने किसी विदेशी समकक्ष से मिलते हैं तो हाथ जरूर मिलाते हैं। उन्होंने ईरान, कजाकिस्तान, ताजकिस्तान के अपने समकक्षों के साथ गुरुवार को हाथ मिलाया। बताया गया है कि चीन ने द्विपक्षीय बैठक शुरू होने से पहले दोनों देशों की सेनाओं के बीच सहयोग को फिर से शुरू करने का एक नया प्रस्ताव रखा। लेकिन चीन के इस प्रस्ताव को यह कहकर ठुकरा दिया गया कि ऐसा तभी संभव होगा जब बॉर्डर के हालात शांतिपूर्ण होंगे।
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दरअसल, भारत चाहता है कि बॉर्डर से चीनी सैनिक पीछे हटें। अभी पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में दोनों तरफ से 50 हजार सैनिकों की तैनाती की गई है। चीन ने बॉर्डर पर भारी हथियार तैनात कर रखे हैं। गलवान झड़प के बाद पहली बार भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ (Rajnath Singh) ने गुरुवार को अपने चीनी समकक्ष जनरल ली शांगफू से बातचीत की है। दिल्ली में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के रक्षा मंत्रियों की बैठक के मौके पर यह वार्ता हुई है। राजनाथ ने तस्वीर के साथ एक लाइन का ट्वीट किया, ‘चीन के रक्षा मंत्री, जनरल ली शांगफू से नई दिल्ली में बातचीत की।’
पाकिस्तान को छोड़कर चीन, रूस और SCO के अन्य सदस्य देशों के रक्षा मंत्री बैठक में भाग ले रहे हैं
15 जून, 2020 को गलवान में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद यह चीन के रक्षा मंत्री की पहली भारत यात्रा है। इस मौके पर राजनाथ सिंह ने ली से कहा कि LAC पर सभी मुद्दों को मौजूदा द्विपक्षीय समझौते के अनुसार हल करने की जरूरत है।
रक्षा मंत्री ने गुरुवार को अपने चीनी समकक्ष ली शांगफू से करीब 45 मिनट मुलाकात की
रक्षा मंत्री ने गुरुवार को अपने चीनी समकक्ष ली शांगफू से करीब 45 मिनट मुलाकात की। भारत ने साफ संदेश दिया कि मौजूदा सीमा समझौतों का चीन ने उल्लंघन किया है और इससे दोनों देशों के बीच संबंधों की बुनियाद को नुकसान पहुंचा है। राजनाथ ने साफ कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर सभी मुद्दों का समाधान द्विपक्षीय समझौतों के तहत निकाला जाना चाहिए।
3 साल पहले पूर्वी लद्दाख में सीमा पर गतिरोध पैदा होने के बाद चीन के किसी रक्षा मंत्री की पहली भारत यात्रा है। रक्षा मंत्री ने ली शांगफू से कहा कि पूर्वी लद्दाख में टकराव वाले बाकी पॉइंट्स से सैनिकों की वापसी के बाद तनाव कम करने की दिशा में काम होना चाहिए। रक्षा मंत्रालय ने एक बयान जारी कर बताया कि दोनों मंत्रियों ने भारत-चीन सीमा क्षेत्रों के घटनाक्रम और द्विपक्षीय संबंधों पर खुलकर बातचीत की।