Sukhoi-20MKI and Rafale

LAC के पास आज से गरजेंगे Sukhoi-20MKI and Rafale, चीन के हौसले होंगे पस्त

तवांग झड़प के महज एक हफ्ते के अंदर ही भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमान पूर्वोतर में दम भरेंगे. सूत्रों के मुताबिक युद्धाभ्यास में Sukhoi-20MKI and Rafale jet जैसे आधुनिक लड़ाकू विमान हिस्सा लेंगे. वॉर एक्सरसाइज में पूर्वोतर के मेन एयरबेस और एडवांस लैंडिंग ग्राउंड्स को शामिल किया जाएगा. वॉर एक्सरसाइज में ड्रोन्स का भी इस्तेमाल किया जा सकता है. दरअसल, पिछले कुछ दिनों में चीन ने अरुणाचल प्रदेश के नजदीक अपनी सीमा पर ड्रोन्स उड़ाए थे, जिसके बाद भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमानों ने भी LAC के नजदीक उड़ान भर अपनी तैयारी दिखाई थी।

तवांग में पिछले हफ्ते के सैन्य गतिरोध के बाद भारत-चीन के मध्य ताजा तनाव के बीच भारतीय वायुसेना पूर्वोत्तर में गुरुवार यानि आज से दो दिवसीय अभ्यास करेगी, जिसमें इसके अग्रिम पंक्ति के करीब सभी युद्धक विमान और इस क्षेत्र में तैनात अन्य संसाधन शामिल किए जाएंगे. सूत्रों ने कहा कि अभ्यास का मकसद भारतीय वायुसेना की समग्र युद्धक क्षमता और इस क्षेत्र में सैन्य तैयारियों को परखना है. हालांकि, भारत और चीन की सेनाओं के बीच ताजा गतिरोध के बहुत पहले इस अभ्यास की योजना बनाई गई थी और इसका इस घटना से कोई संबंध नहीं है।

Sukhoi-20MKI and Rafale jet समेत कई विमान होंगे शामिल

सूत्रों ने कहा कि भारतीय वायुसेना के Sukhoi-20MKI and Rafale jet समेत अग्रिम पंक्ति के विमान इसमें शामिल होंगे. पूर्वोत्तर क्षेत्र में वायुसेना के सभी अग्रिम अड्डे और कुछ एडवांस लैंडिंग ग्राउंड्स (एएलजी) को भी अभ्यास में शामिल किया जाना है. सेना और वायुसेना अरुणाचल और सिक्किम में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर पूर्वी लद्दाख विवाद के बाद से पिछले दो सालों से उच्च स्तरीय संचालनात्मक तैयारियों को बरकरार रखती आई हैं.

भारतीय वायुसेना ने पिछले हफ्ते अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में एलएसी पर भारतीय हिस्से में चीन की बढ़ती हवाई गतिविधियों के बाद अपने लड़ाकू विमानों को उड़ाया था. सूत्रों ने कहा कि क्षेत्र में चीन द्वारा ड्रोन सहित कुछ हवाई प्लेटफार्म की तैनाती तवांग सेक्टर के यांग्त्से क्षेत्र में यथास्थिति को एकतरफा बदलने के लिए नौ दिसंबर को किये गये चीनी सेना के प्रयासों से पहले हुई थी.

चीन और भारतीय सैनिकों के बीच झड़प का पुराना वीडियो वायरल

उन्होंने कहा कि चीनी ड्रोन एलएसी के काफी पास आ गए थे जिसके कारण भारतीय वायुसेना को अपने युद्धक विमान उतारने पड़े थे और समग्र युद्धक क्षमता को बढ़ाना पड़ा था. इस बीच एलएसी पर चीन और भारतीय सैनिकों के बीच झड़प का एक पुराना वीडियो कथित रूप से सोशल मीडिया पर काफी प्रसारित हो रहा है. यह वीडियो नौ दिसंबर की घटना के संदर्भ में सामने आया, लेकिन अधिकारियों ने कहा कि यह वीडियो पुराना है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *