UCC Issue: समान नागरिक संहिता पर लॉ कमीशन ने क्यों शुरू की परामर्श प्रक्रिया? सरकार ने संसद में बताया
समान नागरिक संहिता (UCC Issue) के मुद्दे पर सरकार ने गुरुवार (20 जुलाई) को कहा कि विधि आयोग ने विषय की प्रासंगिकता, महत्व और मामले में कई अदालती आदेशों के कारण नए सिर से परामर्श शुरू किया है। न्यूज एजेंंसी पीटीआई के मुताबिक, राज्यसभा में एक लिखित जवाब में कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि 21वें विधि आयोग ने 31 अगस्त, 2018 को पारिवारिक कानून में सुधार पर एक परामर्श पत्र जारी किया था।उन्होंने बताया कि हालांकि, इसने (21वें विधि आयोग) विषय पर कोई रिपोर्ट पेश नहीं की।
कानून मंत्री ने कहा, ”चूंकि इस संबंध में परामर्श पत्र जारी होने की तारीख से चार वर्ष से ज्यादा का समय बीत गया है, 22वें विधि आयोग ने (मौजूदा पैनल) ने यूसीसी के विषय की प्रासंगिकता, महत्व और विभिन्न अदालती आदेशों को ध्यान में रखते हुए 14 जून, 2023 को बड़े पैमाने पर जनता और धार्मिक संगठनों से विचार-विमर्श करने का निर्णय लिया।
यूसीसी के तौर-तरीकों के सवाल पर कानून मंत्री ये बोले
यूसीसी के तौर-तरीकों पर एक अन्य सवाल का जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री मेघवाल ने कहा कि चूंकि लॉ पैनल अभी परामर्श करने की प्रक्रिया में है, इसलिए तौर-तरीकों का सवाल ही नहीं उठता है।बता दें कि पिछले हफ्ते लॉ पैनल ने जनता के लिए समान नागरिक संहिता पर राय भेजने की समय सीमा 28 जुलाई तक बढ़ा दी थी। राजनीतिक रूप से संवेदनशील इस मुद्दे पर विधि आयोग ने 14 जून को सार्वजनिक और मान्यता प्राप्त धार्मिक संगठनों समेत हितधारकों से राय मांगकर यूसीसी पर एक नई परामर्श प्रक्रिया शुरू की थी।
नई परामर्श प्रकिया को लेकर संसदीय समिति को दिया गया था ये जवाब
बता दें कि इसी महीने की शुरुआत में लॉ पैनल के प्रतिनिधियों ने एक संसदीय समिति के सामने उपस्थित होकर नई परामर्श प्रक्रिया का बचाव किया था. लॉ पैनल ने कहा था कि यह देखते हुए कि पूर्ववर्ती आयोग ने 2018 में अपने सुझाव दिए थे और उसका कार्यकाल भी समाप्त हो गया था, इसीलिए एक नई पहल शुरू की गई है जो अनिवार्य रूप से सूचनात्मक है।